शिवजी की पूजा मूर्ति तथा शिवलिंग दोनों रूपों में की जाती है शिव के गले में नाग देवता विराजमान करते हैं तथा उनके हाथों में डमरू और त्रिशूल होता है. प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला । जरे सुरासुर भये विहाला ॥ शिव चालीसा का पाठ पूर्ण भक्ति भाव से करें। https://shivchalisas.com