बसी हो माता रानी तुम इस जहां के कण-कण में, तुम्हारी भक्ति से जगती है अलख कुछ करने की जन जन में.. सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके। लाल रंग की चुनरी से सज गया है माँ का दरबार !! मुसीबतों ने बादलों की तरह जब घेर लिया, कोई राह https://sites.google.com/view/navratrishayari/